– मुख्यमंत्री ठाकरे के बेटे आदित्य बने कैबिनेट मंत्री
– पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण भी मंत्रिपरिषद में शामिल
– राकांपा के अजीत पवार बने उप-मुख्यमंत्री
मुंबई। महाराष्ट्र
की ठाकरे सरकार के पहले बहुप्रतीक्षित मंत्रिपरिषद विस्तार में सोमवार को
36 मंत्रियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलायी गयी। मुख्यमंत्री उद्धव
ठाकरे के बेटे शिवसेना विधायक आदित्य ठाकरे ने कैबिनेट मंत्री के रूप में
शपथ ली। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चह्वाण को भी कैबिनेट मंत्री बनाया गया है।
राकांपा नेता अजीत पवार को उप-मुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलायी गयी। तीन
महिला विधायकों को भी मंत्री बनाया गया है। भाजपा नेता पंकजा मुंडे को
हराने वाले राकांपा के धनंजय मुंडे को कैबिनेट मंत्री के रूप में पद एवं
गोपनीयता की शपथ दिलायी गयी। इस
विस्तार में शिवसेना कोटे से 10, राकांपा कोटे से 15 और कांग्रेस से 11
विधायकों को मंत्री बनाया गया है। इससे पहले 28 नवम्बर को मुख्यमंत्री
ठाकरे के साथ तीनों दलों के दो-दो विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलायी गयी
थी। शिवसेना के एकनाथ शिंदे एवं सुभाष देसाई, राकांपा के जयंत पाटील एवं
छगन भुजबल और कांग्रेस से बालासाहब थोरात एवं डॉ. नितिन राऊत ने कैबिनेट
मंत्री पद की शपथ ली थी। कांग्रेस विधायक केसी पाडवी के शपथ से इतर शब्द बोलने पर राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी नाराज हो गए। उन्हें दोबारा शपथ दिलवायी गयी। इस
विस्तार के साथ ही ठाकरे मंत्रिपरिषद का आकार अब मुख्यमंत्री सहित 43
मंत्रियों का हो गया है। इसमें 32 कैबिनेट और 10 राज्यमंत्री शामिल हैं।
उप-मुख्यमंत्री का पद भी कैबिनेट मंत्री के समतुल्य माना जाता है। विधानसभा
में सदस्यों की कुल संख्या 288 है। इस लिहाज से मुख्यमंत्री सहित
मंत्रियों की अधिकतम संख्या 43 हो सकती है। विधानसभा चुनाव में शिवसेना के 56, राकांपा के 54 और कांग्रेस के 44 विधायक विजयी हुए थे। विधानभवन
में आयोजित शपथ ग्रहण कार्यक्रम में राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी ने सबसे
पहले उप-मुख्यमंत्री के रूप में अजीत पवार को शपथ दिलाई। इस विस्तार में
कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ लेने वाले अशोक चव्हाण वर्ष 2008 से 2010 तक
मुख्यमंत्री रह चुके हैं। वहीं कैबिनेट मंत्री पद की शपथ लेने वाले अमित
देशमुख पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख के पुत्र हैं। इस
अवसर पर राकांपा प्रमुख शरद पवार, कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव
मल्लिकार्जुन खर्गे समेत कई प्रमुख नेता उपस्थित थे। शपथ ग्रहण समारोह में
मुख्य विपक्षी दल भाजपा का कोई नेता मौजूद नहीं था। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता माधव भंडारी ने बताया कि पार्टी ने
शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार नहीं किया था। कार्यक्रम का आमंत्रण
शिष्टाचार के मुताबिक नहीं मिलने से भाजपा का कोई नेता शपथ ग्रहण समारोह
में शामिल नहीं हुआ। भंडारी
ने कहा कि बहुत दिनों बाद ठाकरे ने मंत्रिपरिषद का विस्तार किया है। आशा
है कम से कम अब सरकार राज्य की जनता के हित को देखते हुए काम करेगी। वहीं शपथ ग्रहण समारोह का आमंत्रण नहीं मिलने से सरकार के सहयोगी दल भी नाराज हो गए हैं। स्वाभिमानी
शेतकरी संगठन के राजू शेट्टी ने बताया कि उन्हें निमंत्रण नहीं मिला है।
इसलिए वह कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे। बहुजन विकास आघाड़ी के अध्यक्ष
हितेंद्र ठाकुर को भी कार्यक्रम का निमंत्रण नहीं मिला है।
ये विधायक बने मंत्री
शिवसेना : कैबिनेट मंत्री- संजय राठौड़, गुलाब राव पाटील, दादाजी भूसे, संदीपन भुमरे, अनिल परब, उदय सामंत, आदित्य ठाकरे।
राज्यमंत्री- अब्दुल सत्तार, शंभूराज देसाई, बच्चू कडू (निर्दलीय विधायक, शिवसेना कोटे से)।
राकांपा : कैबिनेट मंत्री- अजित पवार (उपमुख्यमंत्री), दिलीप वलसे पाटील, धनंजय मुंडे, अनिल देशमुख, हसन मश्रीफ, राजेंद्र शिंगणे, नवाब मलिक, राजेश टोपे, जितेंद्र आव्हाड, बालासाहब पाटील।
राज्यमंत्री- दत्तात्रेय भरणे, अदिति तटकरे, संजय बनसोंडे, प्राजक्त तनपुरे, राजेंद्र पाटील (निर्दलीय विधायक, राकांपा कोटे से)।
कांग्रेस : कैबिनेट मंत्री- अशोक चव्हाण, विजय वडेट्टीवार, वर्षा गायकवाड़, केदार सुनील छत्रपाल, अमित देशमुख, यशोमति ठाकुर, केसी पाडवी, शंकर राव गडाख (निर्दलीय विधायक, कांग्रेस कोटे से), असलम शेख।
राज्यमंत्री : विश्वजीत कदम, बंटी पाटील।
भाई को मंत्री न बनाए जाने से संजय राऊत नाराज
भाई को मंत्री न बनाए जाने पर शिवसेना प्रवक्ता संजय राऊत नाराज हो गए हैं। वह शपथ ग्रहण समारोह में उपस्थित नहीं थे। विक्रोली के शिवसेना विधायक सुनील राऊत संजय राऊत के भाई हैं। सुनील राऊत ने विधानसभा की सदस्यता से मंगलवार को इस्तीफा देने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि इसके बाद वह मंत्रालय और विधानभवन में कदम भी नहीं रखेंगे। संजय राऊत ने कहा कि शिवसेना में दो महीने पहले शामिल हुए अब्दुल सत्तार को मंत्री बनाया गया है, लेकिन पार्टी में इतने दिन से काम करने वालों को मंत्री पद नहीं मिला, इसलिए लोगों में नाराजगी होना स्वाभाविक है। वहीं पूर्व मंत्री तानाजी कदम और भावना गवली भी मंत्री नहीं बनाए जाने से नाराज हैं। पुणे जिले की भोर सीट से तीसरी बार कांग्रेस के विधायक बने संजय थोपटे को मंत्री पद न मिलने से उनके समर्थकों ने नाराजगी जताई है। भोर नगरपालिका के 11 नगरसेवकों ने कांग्रेस की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है और अलग गुट बनाकर काम करने का निर्णय लिया है।
This post has already been read 9625 times!